ज़िनदगी की सिलवटों में एक दौर ऐसा भी था
जहाँ ख़ुशी लम्हों में नहीं सिमटी थी
एक दौर यह भी है की कुशी सिर्फ एक आरजू है
वोह तोह हमारी कुश्मिजाज़ी है जो हमें थामे
जहाँ ख़ुशी लम्हों में नहीं सिमटी थी
एक दौर यह भी है की कुशी सिर्फ एक आरजू है
वोह तोह हमारी कुश्मिजाज़ी है जो हमें थामे
Jahan khushi lamho mein nahi simti thi
Ek daur yeh bhi hai ki kushi sirf ek arzoo hai
Woh toh humari kushmizaazi hai jo hame thame hai
1 comment:
Good one again.
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